ताकि जीती रहें परंपराएं: 15 बैलगाड़ियों पर मंगल गीत गाते गाते पहुंची बरात, तीन घंटे में तय किया 15 किमी का सफर

दूल्हा शम्भू नाथ सलाम ने कहा कि, बैलगाड़ी पर बारात की हमारी पुरानी परम्परा है। इसमें फिजूल खर्च नहीं होता है। परंपरा और संस्कृति को आगे बढ़ाना ही हमारा उद्देश्य है।

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